कौन है टाइटस साधु और क्रिकेट जगत में अपनी पहचान कैसे बनाई।

 जैसा कि आप सभी जानते हैं खेलों का महत्व दिन प्रतिदिन दुनिया भर में बढ़ता जा रहा है। प्रत्येक देश का अपना एक राष्ट्रीय खेल होता है। खेलों का महत्व केवल अवार्ड और ट्रॉफी जीतने तक सीमित नहीं है बल्कि खेलों का महत्व हमारे स्वास्थ्य के लिए अति महत्वपूर्ण है जिससे व्यक्ति का स्वास्थ्य मजबूत और रोगों से लड़ने के लिए तैयार होता है।

हमारे विचार से प्रत्येक व्यक्ति को किसी ना किसी खेल में अपनी रुचि अवश्य बनानी चाहिए ताकि वह जीवन में रोगों से बचा रहे और एक स्वस्थ शरीर का मालिक बन पाए। तो आज हम एक ऐसे खेल के बारे में बात करने जा रहे हैं जिसका दिन प्रतिदिन प्रत्येक देश में रुझान बढ़ता जा रहा है। इस खेल में प्रत्येक वर्ग का मनुष्य रुचि रखता है। दोस्तों वह खेल क्रिकेट है। जोकि अंग्रेजों की देन है। इस लेख में हम आपको भारत में क्रिकेट की शुरुआत कब हुई और एक महान महिला युवा क्रिकेट खिलाड़ी के जीवन परिचय से अवगत कराएंगे। और उनसे जुड़ी कुछ मुख्य बातों पर भी चर्चा करेंगे।

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 भारत में पुरुष और महिला क्रिकेट की शुरुआत कब हुई।

पुरुष क्रिकेट टीम

दोस्तों देखा जाए तो क्रिकेट का इतिहास अति प्राचीन है परंतु भारत में इसकी शुरुआत 18वीं सदी में यूरोपीय व्यापारी नाविकों को द्वारा की गई थी।

भारत में पहले क्रिकेट क्लब की स्थापना 1792 में कोलकाता में हुई थी। परंतु पहला टेस्ट मैच राष्ट्रीय क्रिकेट टीम ने 25 जून 1932 को लार्ड्स में खेला था और भारत ने पहला मैच 1932 में इंग्लैंड के खिलाफ खेला था। भारतीय टीम की तरफ से उस समय कर्नल सी के नायडू को कप्तानी का ओदा सौंपा गया था। जबकि वर्तमान समय में इंडिया क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा हैं।


महिला क्रिकेट टीम

भारतीय महिला टीम की स्थापना 1973 में हुई और उन्होंने अपना पहला मैच वेस्ट इंडीज के खिलाफ 1976 में बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेला था और इस टीम की कप्तान शांता रंगास्वामी थी। वह अर्जुन पुरस्कार से भी सम्मानित की जा चुकी है। वर्तमान समय में भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर है। इन्हें भी अर्जुन पुरस्कार से नवाजा जा चुका है।


कौन है टाइटस साधु



टाइटस साधू अंडर-19 महिला क्रिकेट टीम की खिलाड़ी हैं,जो पश्चिम बंगाल की रहने वाली हैं।

आने वाले समय में ने इंडिया टीम का भविष्य कहा जा रहा है। इन्हें नई और पुरानी दोनों प्रकार की गेंदों से खेलने के लिए महारत हासिल है।

इनका जन्म सितंबर 2004 को चिनसुरा पश्चिम बंगाल में हुआ था। इनके पिता जी का नाम रणदीप साधु वह माता का नाम भ्रमर मलिक है। इनके पिता क्रिकेट एकेडमी भी चलाते हैं। टाइटस अभी अपनी पढ़ाई पूरी कर रही है।


 टाइटस साधु ने कैसे की क्रिकेट की शुरुआत।


टाइटस के बचपन में क्रिकेट में कोई रुचि नहीं थी। इन्हें रनिंग,स्विमिंग और एथलेटिक्स में काफी दिलचस्पी थी। पिता की क्रिकेट एकेडमी होने कारण यह केवल क्रिकेट को देखना पसंद करते थी। जब टाइटस 13 वर्ष की थी। तो 1 दिन उनके पिता ने बारिश के कारण अपनी एकेडमी बंद कर दी और उनके पिता ने टाइटस साधु से बोलिंग करने के लिए कहा था उसने टेनिस की बॉल से बॉलिंग की उनकी बॉलिंग को देखकर उनके पिता समझ गए कि यह एक दिन एक अच्छी क्रिकेटर बनेगी क्योंकि वह उनकी कला को पहचान चुके थे। इसके बाद टाइटस साधु ने अपने पिता की एकेडमी को ज्वाइन कर लिया।

जॉइनिंग के बाद उन्होंने ट्रायल दिया परंतु दुर्भाग्यवश वह सेलेक्ट नहीं हो सकी।

कोरोना महामारी के बाद सीनियर टीम के लिए साधु ने ट्रायल दिया और नेट बॉलर के तौर पर बंगाल की सीनियर टीम में सेलेक्ट हो गई।

सीनियर वूमेंस टी20 टूर्नामेंट में बंगाल की तरफ से  साधु ने सबसे ज्यादा विकेट अपने नाम किए यह टूर्नामेंट उनके कैरियर का टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ और  उनके शानदार प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें महिला अंडर-19 वर्ल्ड कप के लिए भारत की अंडर-19 टीम में जगह मिली और इसके बाद टाइटस साधु ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और अपना नाम क्रिकेट जगत में रोशन करती चली आई।


क्रिकेट जगत में अपनी पहचान कैसे बनाई

आईसीसी अंडर-19 वूमेंस टी20 वर्ल्ड कप 2023 का फाइनल मुकाबला भारतीय महिला क्रिकेट टीम और इंग्लैंड के बीच हुआ इस मुकाबले को भारत की महिला क्रिकेट टीम ने 7 विकेट से जीता पहले बल्लेबाजी करते हुए इंग्लैंड ने 17.1 ओवर में 10 विकेट गंवाए और सिर्फ 68 रन ही बना पाया इसके बाद टीम इंडिया ने बैटिंग करते हुए 14 ओवरों में 3 विकेट खोकर 69 रन बनाकर मुकाबला जीत लिया।

भारतीय टीम की कप्तान शैफाली वर्मा ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला लिया था।

कप्तान शैफाली के मार्गदर्शन में महिला अंडर-19 टी20 विश्व कप का पहला संस्करण भारत की युवा टीम ने पहला खिताब अपने नाम कर लिया। इस टूर्नामेंट का आयोजन साउथ अफ्रीका में किया गया फाइनल मैच सेंवेस पार्क पोचेफस्ट्रूम में खेला गया था।

इसी मैच के दौरान टाइटस साधु ने अपना जलवा दिखाया था और अपनी क्रिकेट जगत में एक पहचान बनाई। भारत की टाइटस साधु को फाइनल मैच में प्लेयर ऑफ द मैच का खिताब मिला।

क्योंकि उन्होंने अंडर-19 वर्ल्ड कप के दौरान 9 विकेट अपने नाम किए इंग्लैंड के खिलाफ हुए फाइनल मुकाबले में टाइटस साधु ने 4 ओवर में मात्र 9 रन दिए और 2 विकेट चटकाए।

इस कारण से टाइटस साधु का नाम सुर्खियों में आने लगा और लोग उन्हें महिला क्रिकेट टीम का भविष्य कहने लगे।


कौन सा बोर्ड अंडर-19 महिला क्रिकेट टीम की निगरानी करता है

भारतीय महिला अंडर-19 क्रिकेट टीम अंतर्राष्ट्रीय अंडर-19 महिला क्रिकेट में भारत का प्रतिनिधित्व करती है।

इस टीम का संचालन भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड द्वारा किया जाता है।


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मेरा नाम बलराम है और मैं हरियाणा में रहता हूं और मेरे बारे में इससे ज्यादा जानने के लिए मेरा About us पेज देखें।

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