आजादी से पहले और आजादी के बाद पहला बजट किसने किया पेश।
आजादी से पहले का बजट:-आपको बता दें कि जब हमारा भारत अंग्रेजों के अधीन था तब ब्रिटिश सरकार की तरफ से भारत का पहला बजट ईस्ट इंडिया कंपनी के राजनेता जेम्स विल्सन द्वारा पेश किया गया था। यह बजट 7 अप्रैल 1860 को पेश किया गया था।
कौन थे जेम्स विल्सन
जेम्स विल्सन को भारत में बजट का जनक माना जाता है। ब्रिटिश सरकार के समय में जेम्स वायसराय लॉर्ड कैनिंग की परिषद में वित्त सदस्य थे। इसके अतिरिक्त जेम्स विल्सन इंग्लैंड की संसद में सदस्य थे। इनका नाम विश्व के प्रसिद्ध अर्थशास्त्रियो में भी शुमार है। जेंम्स ने विश्व की प्रसिद्ध अर्थशास्त्र पर आधारित (मैगजीन द इकोनॉमिस्ट) की स्थापना की।
जेम्स विल्सन 28 नवंबर 1859 को भारत आए थे।
भले ही राष्ट्रीयता से ये एक अंग्रेज थे किंतु इनकी खबर कोलकाता के मुल्लिक बाजार कब्रिस्तान में आज भी मौजूद है।
स्वतंत्र भारत का पहला बजट:-आजाद भारत का पहला बजट शनमुखम चेट्टी द्वारा 26 नवंबर 1947 को पेश किया गया था। ये प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु के मंत्रिमंडल में वित्त मंत्री थे।
शनमुखम चेट्टी की बायोग्राफी
का जन्म 1892 में भारत के तमिलनाडु में हुआ था। मद्रास क्रिश्चियन क्रिश्चियन कॉलेज और मद्रास लॉ कॉलेज से इन्होंने शिक्षा प्राप्त की थी। शिक्षा पूरी करने के बाद शनमुखम चेट्टी जस्टिस पार्टी में शामिल हो गए।
वे 1917 में कोयंबटूर नगर पालिका के पार्षद चुने गए और जस्टिस पार्टी के टिकट पर उन्होंने मद्रास विधानसभा के लिए चुनाव लड़ा। जिस चुनाव में उन्हें जीत हासिल हुई। परंतु कुछ कारणों के चलते उन्होंने 1922 में इस पद से इस्तीफा दे दिया।
इसके पश्चात चेट्टी स्वराज पार्टी से जुड़े और 1935 के चुनाव में हार का सामना करने के कारण दक्षिण भारत लौट आए। जहां उन्होंने कोचीन राज्य के दीवान के रूप में कार्य किया।
दुर्भाग्यवश इस महान राजनेता का 5 मई 1953 को हृदय की गति रुक जाने के कारण देहांत हो गया।
बजट क्या है और यह कितने प्रकार का होता है।
बजट:- यदि साधारण शब्दों में कहा जाए तो बजट वह योजना है जिसमें हम अपनी सालाना आय के अनुसार अपने खर्चों को तय करते हैं। तो इसी प्रकार भारत सरकार भी प्रत्येक वर्ष अपनी आय के विभिन्न स्त्रोतों तथा खर्चों का अनुमान लगा कर बजट बनाती है। इस बजट में सरकार द्वारा यह तय किया जाता है कि किस क्षेत्र में कितना धन खर्च किया जाएगा। एक आदर्श बजट उसे माना जाता है जिसमें सरकार अपने किए हुए वादों पर खरी उतरती है। संविधान के अनुच्छेद 112 में बजट का प्रावधान है।
Note:-बजट शब्द फ्रेंच भाषा के (bougette) शब्द से निकला है। जिसका अर्थ है (little bag) छोटा बैग। परंतु हमें यह नहीं बोलना चाहिए कि भारत के संविधान में बजट शब्द के स्थान पर "वार्षिक वित्तीय विवरण" शब्द का प्रयोग किया गया है ना कि बजट।
बजट के कितने प्रकार है
वैसे तो बजट कई प्रकार के होते हैं परंतु मुख्य तौर पर इन्हें दो भागों में बांटा गया है:
1.राजस्व बजट(Revenue Budget)
भारत सरकार द्वारा 1 वर्ष के दौरान टैक्स और बिना टैक्स से जो आय प्राप्त होती है उसे राजस्व आय कहते हैं। राजस्व आय के माध्यम से ही सरकार द्वारा नागरिकों को प्रदान की जाने वाली विभिन्न सुविधाओं के खर्चों को तय किया जाता है। इस प्रकार के लेखे-जोखे को ही राजस्व बजट कहा जाता है। यदि सरकार द्वारा राजस्व आय से अधिक खर्च हो जाता है तो उसे राजस्व घाटा का जाता है।
2. पूंजी बजट(Capital Budget)
इस बजट में सरकार की पूंजीगत प्राप्तियां और पूंजीगत व्यय का लेखा-जोखा किया जाता है।
पूंजीगत प्राप्तियां:-सरकार द्वारा किए गए निवेश से आय यहां सरकार द्वारा दिए गए लोन से प्राप्त ब्याज इसके अतिरिक्त सरकार द्वारा लिए गए ऋण को भी इसमें शामिल किया जाता है।
पूंजीगत खर्च:-इसके अंतर्गत सरकार द्वारा स्वास्थ्य शिक्षा,घर, उद्योग में किए गए खर्च को शामिल किया जाता है।
बजट को कैसे तैयार किया जाता है
सरकार द्वारा प्रतिवर्ष 1 फरवरी को बजट पेश किया जाता है। ऐसे तैयार करने के लिए सरकार द्वारा लगभग 6 महीने पहले से ही तैयारियां शुरू कर दी जाती है। इसके लिए सरकार सबसे पहले देश के विभिन्न मंत्रालय,सरकारी विभागों,केंद्र शासित प्रदेशों तथा राज्यों को अपने वित्तीय खर्चे के अनुमान के आधार पर आवश्यक डाटा मुहैया कराने का आदेश जारी किया जाता है। इसके बाद वित्त मंत्री,वित्त सचिव,व्यय सचिव एवं राजस्व सचिव संयुक्त रूप से बजट के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करते हैं। बजट तैयार करने के दौरान वित्त मंत्रालय को प्रधानमंत्री,वित्त मंत्री तथा देश में योजना आयोग के उपाध्यक्ष तथा विशेषज्ञों से सलाह मशवरा करते हैं और इसके पश्चात बजट का ब्लू प्रिंट तैयार किया जाता है। बजट तैयार करने की प्रक्रिया अत्यंत गुप्त होती है। मैं यह बजट चुनिंदा अफसरों की निगरानी में तैयार किया जाता है। बजट लिखने हो जाए इसे ध्यान में रखते हुए सभी कर्मचारियों को 2 से 3 हफ्ते तक नार्थ ब्लाक के अंदर ही रहना होता है। इस में प्रयोग किए जाने वाले सभी कंप्यूटरों को डीलिंक कर दिया जाता है। बजट तैयार होने के बाद राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ ही बजट पेश करने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है।
बजट क्यों आवश्यक है
एक मजबूत अर्थव्यवस्था और विकसित देश बनाने के लिए बजट तैयार करना अति आवश्यक है। क्योंकि बजट के अंतर्गत 1 वर्ष के दौरान होने वाले खर्चे और सरकार को होने वाली आय का लेखा-जोखा किया जाता है। बजट के माध्यम से ही देश की वित्तीय व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालन किया जा सकता है। बजट एक ऐसा यंत्र है जिसके माध्यम से सरकार महंगाई और देश में फैल रही भुखमरी पर नियंत्रण कर सकती है।
इसी प्रकार इस वर्ष भी 2023-2024 का बजट निर्मला सीतारमण द्वारा 1 फरवरी को पेश किया गया है। इस बजट के मुख्य बिंदु कुछ इस प्रकार हैं:-
1. रेलवे के लिए 2.40 लाख करोड़ बजट का आवंटन।
2. ईपीएसओ सदस्यता में दुगनी वृद्धि जो अब 27 करोड़ है।
3. सरकार 2,200 करोड रुपए से आत्मनिर्भर सूची योजना कार्यक्रम शुरू करेंगी।
4. पीएम विश्वकर्मा को सम्मान योजना शुरू करने की घोषणा।
5. कृषि ऋण लक्ष बढ़कर 20 लाख करोड रुपए हुआ।
6. अच्छे पुस्तके उपलब्ध कराने के लिए राष्ट्रीय डिजिटल पुस्तकालय की स्थापना की जाएगी।
7. मिलेट्स की पैदावार बढ़ाने का किया जाएगा प्रयास जिसे श्री अन्न नाम दिया गया है।
8. वित्त मंत्री ने ग्रीन ग्रोथ का नारा दिया और बागवानी परियोजनाओं के लिए 2200 करोड रकम की जारी।
9. पीएम आवास योजना के लिए बजट में वृद्धि 79000 करोड रुपए होंगे जारी।
10. सात लाख तक की सालाना आय पर इनकम टैक्स की छूट।
11. 3 करोड के टर्नओवर वाले माइक्रो उद्योगों को कर में मिली छूट।
12. मेडिकल कॉलेजों के साथ नए नर्सिंग कॉलेज स्थापित किए जाएंगे।